रोजाना ऐसे सवाल लोगों से आते रहते हैं की मेरे बच्चा पढ़ाई में कमजोर है हम क्या करे? बच्चे पढ़ने में कमजोर है क्या करें? तो ये एक common सी समस्या है इसमे कोई निराश होने वाली बात नही है।
कई पेरेंट्स की बस यही शिकायत रहती है कि उनका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है। उसका पढ़ने में मन नही लगता या फिर वो कुछ खास विषयों में कमजोर है। ऐसे में कभी आपने जानने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों है। बच्चों को कुछ फॉर्मूले या फि बेसिक चीजें क्यों नहीं समझ आ रही। इस स्थिति में पहले तो आपको अपने बच्चों के पढ़ने-लिखने के तरीके और समझने के तरीके पर खास ध्यान देना होगा। उसके बाद आप धीरे-धीरे उन चीजों बदलाव करके उनकी कमजोरियों में सुधार कर सकते हैं और उन्हें तेज बना सकते हैं| इसके साथ ही कुछ खास टिप्स भी आपकी मदद कर सकते हैं। तो, आइए जानते हैं पढ़ाई में कमजोर बच्चे का उपाय (tips to improve weak students in studies)
तो आइए जानते हैं की कमजोर बच्चें को कैसे पढ़ाएं? बच्चें पढ़ाई में कमजोर है तो क्या करें? Kamjor bachchen ko kaise padhayen.
पढ़ाई में कमजोर बच्चें को कैसे पढ़ाया जायें या होशियार बनाएं?बच्चो को पढ़ाने के 11 आसान तरीके
पढाई में कमजोर बच्चों को पढ़ाने के लिए उनकी आदतों को पहचान कर उनका धीरे-धीरे पढाई में interest उत्पन्न करे करेंगे आइये इस आर्टिकल में कमजोर बच्चो को निन्न तरीके से कैसे होशयार बनाये |
1. बच्चे को जाने
हमें यह जानना बहुत ही आवश्यक हैं कि प्रत्येक बच्चे का स्वभाव अलग अलग होता हैं। ऐसे में यह जरुरी नही कि जैसा बच्चा आपका हैं वैसा ही सभी का हो या जैसा बच्चा दूसरे का हैं वह आपका भी हो। इसलिए आपको सबसे पहले अपने बच्चे के स्वभाव को समझने की आवश्यकता हैं। यदि आप अपने बच्चें के मन के भाव को अच्छे से समझेंगे तो अवश्य ही उसे पढ़ा पाने में भी कामयाब होंगे। इसलिए आपका पहला काम हैं अपने बच्चे को जानना ।
2. अपने बच्चें के मित्र बने
एक माता पिता ही अपने बच्चे के अच्छे गुरु होते है। ऐसे में यदि वे शख्त नही होंगे तो उन्हें जीवन की शिक्षा कौन देगा। किंतु हर समय कठोर बने रहने से बच्चा आपसे कट जाएगा। वह आपके समक्ष अपनी परेशानी साँझा करने से भी घबराएगा। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपसे अपनी बात कहे और आपसे अच्छे से पढ़ें तो पहले आपको उसका मित्र बनना होगा। यदि बच्चा आपके साथ सहज महसूस करेगा तो अवश्य ही सरलता के साथ आपसे पढ़ भी लेगा।
3 . बच्चों में नियमित रूप से पढ़ने की आदत डालें
कुछ बच्चें पढ़ने में कमजोर इस वजह से भी रह जाते हैं की वे कभी नियमित रुप से पढ़ाई ही नही करते हैं। मन हुआ तो पढ़ाई की नही तो नही ऐसे में कभी भी कमजोर बच्चा नही पढ़ सकता है। और वे अपनी जरुरत के हिसाब से कभी ना पढ़ पाते हैं। इसका एक आसान सा उपाय यह है की आप सबसे पहले बच्चों को एक समय सारणी बना कर दें जो बच्चों के अनुरुप हो और वे उस समय में खुद को पढ़ने लायक महसूस कर सके। उस समय के अनुसार विषय का भी चयन करें और बच्चें तथा खुद भी पूरी ईमानदारी से पालन करें।
4 . बच्चे योग्यता या क्षमता की जॉंच करें
कई बच्चों के साथ यह भी समस्या होता है की वे किसी एक या एक से अधिक विषय में ही कमजोर होते हैं। बाकी विषयों में अच्छे होते हैं ऐसे में करें यह की बच्चें से बात कर के या किसी प्रकार की टेस्ट लेकर पता कर सकते हैं की उन्हे कौन सी विषय में समस्या है और यह जानने की बाद तुरंत उस समस्या का समाधान करें। या तो बच्चों को उस विषय के ऊपर ज्यादा से ज्यादा समय देने के लिए कह सकते हैं।
5. बच्चे को प्रोत्साहित करे
कमजोर बच्चों के साथ एक विशेष समस्या देखी जाती है। जिस तरह बच्चा पढ़ाई में धीरे−धीरे कमजोर होता जाता है, उसका आत्मविश्वास भी गिरने लगता है। ऐसे में उनको लगता है कि वह कभी भी पढ़ाई में अच्छा नहीं कर सकते। इसलिए ऐसे बच्चों को बेहतर बनाने का सबसे महत्वपूर्ण कदम है उन्हें प्रोत्साहित करना। जब आप उनके भीतर आत्मविश्वास पैदा करेंगे तो वो पढ़ाई में अतिरिक्त ध्यान लगा पाएंगे। हालांकि अगर बच्चे को किसी स्पेशल नीड्स की जरूरत है तो उसकी जरूरत को ध्यान में रखकर ही कोई कदम उठाएं।
6. पढ़ने का समय तय करे
कमजोर छात्रों को पढ़ाई में बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त मेहनत की जरूरत होती है। इसलिए उनके लिए पढ़ाई का समय तय करें। जिस विषय में वह कमजोर हैं, उनके लिए अतिरिक्त समय निकालें। बच्चे को नियमित और तय समय पर जरूर पढ़ाएं। कभी भी उनकी पढ़ाई का नियम ना तोड़े और पढ़ाते समय बच्चों के साथ धैर्य बरतें। कभी भी उन पर गुस्सा ना करें।
7 . बुरी आदतों को दूर करें
कुछ बच्चे ऐसे भी बच्चें होते हैं जिन्हे पढ़ाई में बिलकुल भी मन ही नही लगता है उसके कई वजह हो सकते हैं जैसे की आदतें बुरी हो गइ हो या ज्यादा समय खेलने में ही रहता हो। इन सब कारण हो सकता है पढ़ाई में कमजोर होने का क्योंकि इस तरह वे कभी भी ठीक से नही पढ़ पायेंगे। आप चाहते हैं की बच्चें कमजोर नही रहे तो सबसे पहले उन्हे आदतों को सुधारने पर ध्यान देनी चाहिए।
7. बच्चे को डाटे नही
यदि बच्चा खूब प्रयास के बावजूद भी अच्छा नहीं कर प् रहा है तो भी उसके साथ मित्रवत व्यवहार करे उसे डांटे नहीं |
8 . बच्चों के विषय को समझे
बच्चा जिस विषय में रूचि है उस विषय को समझ कर रुचिकर बनाकर पढ़ाये ।
9 . किसी से तुलना ना करे
प्रत्येक बच्चा सब से अलग होता है ात उसकी किसी से तुलना नहीं करने चाहिए उसी अपने तरीके से समझने का अवशर देना चाहिए ।
10 . पढ़ने का दबाव ना बनाए
अक्सर यह देखा जातहैं कि हम अपने बच्चे पर पढ़ाई का दबाव बनाते हैं और हर समय उसे इसके लिए लताड़ते रहते हैं। प्रत्येक माता पिता चाहता हैं कि उसका बच्चा सर्वश्रेष्ठ बने लेकिन इस बीच हम अपने बच्चे को ही भूल जाते हैं। बच्चे पर पढ़ाई का दबाव बनाने से ना केवल वह उसमे अच्छा कर पायगा बल्कि धीरे धीरे आपसे ही बैर भाव रखने लगेगा। इसलिए जितना आवश्यक हो उतना ही उसे पढ़ाए और अनावश्यक उस पर पढ़ाई का दबाव बनाने से बचे।
11. तकनीक का इस्तेमाल करें
आज के समय में माता पिता ओपने बच्चे को मोबाइल गेम खेलने या अनावश्यक चीज़े देखने के लिए देते हैं जो कि बहुत ही गलत हैं। ऐसे में यदि आप अपने बच्चे को मोबाइल दे भी तो उसका सही इस्तेमाल करें। किया रहेगा कि आप अपने बच्चे को मोबाइल पर कोई नयी चीज़ सीखने की विडियो दिखाए या फिर उसे कोई ऐसा खेल खेलने को दे जिससे उसकी दिमागी क्षमता बढ़ें और वह चीजों को बेहतर तरीके से समझ पाए। इसलिए तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करेंगे तो परिणाम आपके पक्ष में रहेंगे।